अब गरीबी नहीं बनेगी पढ़ाई में बाधा, 16 साल की लड़की ने उठाया 70 बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा

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चंडीगढ़ की भव्या सेठी और गौरी ने मिलकर समाज के गरीब तबके के बच्चों को साक्षर (पढ़ाई) करने का बीड़ा उठाया है.इसके लिए ख़ास पहल की है.

नपिंदर बराड़/चंडीगढ़: देश,समाज के लिए कुछ करने का जज्बा हो तो ना उम्र मायने रखती है और मुश्किलें रास्ता रोकती हैं.समाज के वंछित वर्ग के लिए कुछ करके जो सुकून मिलता है वह किसी भी और चीज़ से महसूस नहीं किया जा सकता.

अब गरीबी नहीं बनेगी पढ़ाई में बाधा; चंडीगढ़ की भव्या सेठी और गौरी ने मिलकर समाज के गरीब तबके के बच्चों को साक्षर(पढ़ाई) करने का बीड़ा उठाया है.इसके लिए ख़ास पहल की है.इसी कड़ी में शनिवार को द ब्रिटिश स्कूल, सेक्टर 44 बी, चंडीगढ़ में एक विशेष कार्यक्रम- ‘ब्लॉसम बाज़ार’-द्वारा आयोजित ‘थ्रिफ्ट सेल’ का आयोजन किया जा रहा है.इसका आयोजन शाम 4 बजे से 8 बजे तक किया जा रहा है और इसके आयोजक प्री-ओन्ड चीजों को बेच कर सुविधाओं से वंचित बच्चों के लिए फंड्स जुटाएंगे.

समाज में सकारात्मक बदलाव की पहल, अब गरीबी नहीं बनेगी पढ़ाई में बाधा

अब गरीबी नहीं बनेगी पढ़ाई में बाधा; यह आयोजन एनजीओ ‘द सर्वोदय फाउंडेशन’ की संस्थापक गौरी चोपड़ा, जो प्रोफेशनल तौर पर एक वकील भी हैं और भवन विद्यालय की बारहवीं कक्षा की छात्रा भव्या सेठी की एक पहल है और इसका उद्देश्य जरूरतमंद बच्चों के लिए फंड्स जुटाना है ताकि जरूरतमंदों की मदद कर समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाया जा सके.भव्या सेठी और गौरी चोपड़ा ने चंडीगढ़ प्रेस क्लब में एक मीडिया बातचीत में ‘थ्रिफ्ट सेल’ के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

70 बच्चों की पढ़ाई का उठाया बीड़ा

भव्या ने बताया कि‘‘मैं हमारे आसपास मौजूद सुविधाओं से वंचित बच्चों तक पहुंचना चाहती थी और उन छात्रों की मदद करना चाहती थी जो वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते.‘थ्रिफ्ट सेल’ से मिलने वाले पैसे उनकी ट्यूशन, किताबों पर खर्च की जाएंगे. हमने पहले ही 70 से अधिक जरूरतमंद छात्रों की पहचान कर ली है. भव्या सेठी, ह्यूमैनिटीज की स्टूडेंट हैं और ‘द ब्लॉसम बाज़ार’, मूल तौर पर उनका ही आइडिया है.

पुराने सामान को बेचकर जुटाएंगी पैसा पढ़ाई के लिए

उन्होंने कहा कि ‘पहले से इस्तेमाल की हुई वस्तुएं जैसे जूते, कपड़े, किताबें, स्टेशनरी सभी बिक्री के लिए उपलब्ध होंगी.भव्या ने कहा कि उन्हें समाज के लिए अपना योगदान देने से आंतरिक संतुष्टि मिलती है. इसके साथ ही मैं वृद्धाश्रमों में रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी एक पहल करने की योजना बना रही हूं.

इससे पहले भी भव्या समाज हित में काम करती रही हैं. भव्या सेठी ने बहुत कम उम्र में 2022 में न्यू चंडीगढ़ के ग्रामीण इलाकों में एनजीओ ‘सर्वोदय’ फाउंडेशन के सहयोग से वंचित महिलाओं के लिए सैनिटरी नैपकिन वितरण अभियान भी चलाया है.एक पहल ग्रामीण महिलाओं को मिठाई के डिब्बे बनाने की कला में प्रशिक्षित करने की भी की जा चुकी है.इस पहल को एचडीएफसी बैंक और ‘सर्वोदय’ फाउंडेशन के सहयोग से संचालित किया गया था।

गौरी ने कहा कि ‘‘हमारी ‘थ्रिफ्ट सेल’ कोई आम सेल नहीं है. यह दिल से की गई अपनी पसंदीदा चीजों की सेल है! इस कार्यक्रम के दौरान की गई प्रत्येक खरीदारी सीधे तौर पर एक विशेष सामाजिक उद्देश्य में योगदान देगी. हमारी पहल का समर्थन करके, आप हमारे समुदाय में सुविधाओं से वंचित व्यक्तियों और परिवारों की बेहतरी के लिए अपना योगदान देंगे’’

भव्या ने कहा कि ‘‘हम समुदाय की शक्ति में विश्वास करते हैं, और समाज के सदस्यों के समर्थन से, हम इस आयोजन को वास्तव में सफल और प्रभावशाली बना सकते हैं.

With Thanks Reference to: https://hindi.news18.com/news/haryana/panchkula-16-year-old-girl-took-up-the-responsibility-of-educating-70-needy-children-7270987.html

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