Kerala में रूसी राष्ट्रपति को चुनने के लिए क्यों हुई वोटिंग, लोगों ने जमकर किया मतदान

Kerala vote for Russian President

Kerala vote for Russian President रूसी राष्ट्रपति के चुनाव के लिए न सिर्फ रूस बल्कि Russia Election 2024 दुनियाभर के कई देशों में वोटिंग हो रही है। इसकी वजह ये है कि जितने भी रूसी नागरिक दूसरे देशों में रहते हैं वो इस प्रक्रिया में भाग ले रहे हैं। यही कारण है कि केरल में रहने वाले रूसी नागरिक मतदान कर रहे हैं।

एजेंसी, तिरुवनंतपुरम। Kerala vote for Russian President रूस में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। रूसी राष्ट्रपति के चुनाव के लिए न सिर्फ रूस बल्कि दुनियाभर के कई देशों में वोटिंग हो रही है। इसकी वजह ये है कि जितने भी रूसी नागरिक दूसरे देशों में रहते हैं, वो इस प्रक्रिया में भाग ले रहे हैं। यही कारण है कि केरल में रहने वाले रूसी नागरिक मतदान कर रहे हैं।

केरल के रूसी दूतावास में हुई वोटिंग

रूसी राष्ट्रपति चुनाव के लिए तिरुवनंतपुरम में रूसी संघ के मानद वाणिज्य दूतावास रशिया हाउस में विशेष रूप से व्यवस्थित बूथ पर मतदान कर रहे हैं। रूस के वाणिज्य दूत और तिरुवनंतपुरम में रूसी हाउस के निदेशक रथीश नायर ने कहा कि उन्होंने तीसरी बार रूसी राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान की व्यवस्था की है। उन्होंने केरल में मतदान प्रक्रिया में सहयोग के लिए रूसी नागरिकों का आभार व्यक्त किया।

नायर ने रूसी नागरिकों का जताया आभार

एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में नायर ने कहा,

 यह तीसरी बार है जब रूसी संघ का वाणिज्य दूतावास रूसी राष्ट्रपति चुनावों के लिए मतदान की मेजबानी कर रहा है। यह वास्तव में यहां रहने वाले रूसी राष्ट्रवादियों और पर्यटकों के लिए भी है। हम इसके साथ जुड़कर खुश हैं। मैं अपने नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया में वोट डालने के लिए उनके सहयोग और उत्साह के लिए केरल में रूसी नागरिकों का बहुत आभारी हूं।

15 से 17 मार्च तक वोटिंग

बता दें, रूसी नागरिक 15 से 17 मार्च, 2024 के बीच राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग करेंगे. कहा जा रहा है कि व्लादिमीर पुतिन इस बार फिर से जीत सकते हैं. उनके दोबारा चुने जाने से उनका शासन कम से कम 2030 तक बढ़ जाएगा. 2020 में संवैधानिक बदलावों के बाद, वह फिर से चुनाव लड़ सकेंगे और संभावित रूप से 2036 तक सत्ता में बने रहेंगे.

पुतिन के खिलाफ कुल तीन उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे हैं. लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के लियोनिद स्लटस्की, न्यू पीपल पार्टी के व्लादिस्लाव दावानकोव और कम्युनिस्ट पार्टी के निकोले खारितोनोव हैं, जो पुतिन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. माना जाता है कि तीनों व्यक्ति संतोषजनक रूप से क्रेमलिन समर्थक हैं और कोई भी यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई के खिलाफ नहीं है.

निर्दलीय चुनाव लड़ रहे पुतिन

वहीं, 71 साल के पुतिन निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन रूस की राजनीतिक व्यवस्था पर उनका पूरा नियंत्रण है. पुतिन को चुनौती दे सकने वाले उनके प्रमुख आलोचक या तो जेल में हैं या विदेश में रह रहे हैं. बदा दें, पुतिन ने 2012 में यूनाइटेड रशिया पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था. लेकिन 2018 में वे निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे थे. पुतिन की लोकप्रियता की रेटिंग लगभग 80 प्रतिशत है और वह यूनाइटेड रशिया की तुलना में कहीं अधिक लोकप्रिय हैं. केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने रूस के सभी 89 क्षेत्रों से पुतिन के अभियान द्वारा एकत्र किए गए 3,15,000 हस्ताक्षरों की समीक्षा के बाद राष्ट्रपति को उम्मीदवार के तौर पर औपचारिक मान्यता दी है. रूसी चुनाव कानून के अनुसार, कम से कम 300,000 हस्ताक्षर के बाद ही स्वतंत्र उम्मीदवारों का नाम मतपत्र पर आ सकता है.

With Thanks Reference to: https://www.jagran.com/news/national-russia-election-2024-why-voting-held-in-kerala-to-elect-russian-president-people-voted-enthusiastically-23675251.html and https://www.tv9hindi.com/india/thiruvananthapuram-voting-held-in-kerala-for-russian-presidential-elections-know-why-and-who-may-win-stwtg-2490372.html

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