अब नो टेंशन! दिल्ली-NCR में प्रदूषण होगा छूमंतर… IIT कानपुर ने बनाई गजब की तकनीक
Delhi Air Pollution: IIT कानपुर ने कथित तौर पर दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए एक संभावित समाधान विकसित किया है. IIT कानपुर ने बढ़ते प्रदूषण की चिंताओं के बीच क्लाउड सीडिंग के माध्यम से ‘कृत्रिम बारिश’ के उपयोग का प्रस्ताव दिया है.
हाइलाइट्स
IIT कानपुर ने दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए एक संभावित समाधान विकसित किया है.
IIT कानपुर ने क्लाउड सीडिंग के माध्यम से ‘कृत्रिम बारिश’ के उपयोग का प्रस्ताव दिया है.
हालांकि क्लाउड सीडिंग और कृत्रिम बारिश कराना अभी कोई सटीक विज्ञान नहीं है.
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण (Delhi Air Pollution) ने गंभीर चिंता पैदा कर दी है. इस बीच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर ने कथित तौर पर दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए एक संभावित समाधान विकसित किया है. IIT कानपुर ने हवा से प्रदूषकों और धूल को साफ करने में मदद के लिए क्लाउड सीडिंग के माध्यम से ‘कृत्रिम बारिश’ के उपयोग का प्रस्ताव दिया है.
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार प्रमुख संस्थान पिछले पांच सालों से अधिक समय से कृत्रिम बारिश के लिए आवश्यक परिस्थितियां बनाने पर काम कर रहा है और जुलाई में इसका सफल परीक्षण किया जा चुका है. रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने क्लाउड सीडिंग के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) सहित सरकारी अधिकारियों से आवश्यक अनुमति प्राप्त कर ली है.
हालांकि कृत्रिम बारिश के लिए विशिष्ट मौसम संबंधी स्थितियों की आवश्यकता होती है, जैसे पर्याप्त नमी वाले बादलों की उपस्थिति और उपयुक्त हवाएं. हालांकि क्लाउड सीडिंग और कृत्रिम बारिश कराना अभी कोई सटीक विज्ञान नहीं है और यह देखना बाकी है कि क्या यह सर्दियों से पहले के महीनों में या बड़े पैमाने पर काम कर सकता है. इसमें ताजी हवा के लिए हांफती राष्ट्रीय राजधानी में विमान उड़ाने के लिए DGCA गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार विशेष सुरक्षा समूह सहित कई अनुमोदन प्राप्त करना भी शामिल है.
सितंबर में, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि शहर सरकार वायु प्रदूषण से निपटने के लिए अपनी शीतकालीन कार्य योजना के लिए क्लाउड सीडिंग का प्रयास करने की तैयारी कर रही है. रिपोर्ट के अनुसार इस परियोजना का नेतृत्व करने वाले आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल ने बताया कि कृत्रिम बारिश से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के निवासियों को एक सप्ताह तक अस्थायी राहत मिल सकती है जो खराब वायु गुणवत्ता से पीड़ित हैं.
बता दें कि दिल्ली में लगातार वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है. कई इलाकों में सोमवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार पहुंच गया है. आज आरके पुरम में AQI 466, आईटीओ पर 402, लोधी रोड पर 388 AQI, सिरीफोर्ट पर 436, पटपड़गंज पर 471 और नए मोती बाग पर 488 AQI दर्ज किया गया है.
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