अलविदा जनरल : एक दिन पहले ही सीडीएस रावत ने चीन की जैविक युद्ध नीति से किया था आगाह
‘एक नए प्रकार की युद्ध नीति आकार लेने लगी है… जैविक युद्ध नीति। हमें इसके लिए तैयार रहना होगा। खुद को मजबूत करें, ताकि हमारा देश इससे फैलाई जा सकने वाली बीमारियों और वायरस की चपेट में न आए।’ अपने निधन से एक रोज पहले मंगलवार को ही जनरल बिपिन रावत ने दक्षिण एशिया के पांच प्रमुख देशों के समूह बिम्सटेक की बैठक पैनेक्स 21 में यह बयान दिया था।
कोरोना से जुड़े बयान में जनरल रावत ने किसी देश का नाम नहीं किया, लेकिन सभी समझ चुके थे कि वह चीन से आगाह रहने को कह रहे हैं। यह उनका आखिरी बयान जरूर था, लेकिन चीन को लेकर पहली बार दिया कड़ा बयान नहीं था। उन्होंने चीन की भारत विरोधी नीतियों को लेकर हमेशा सख्त रुख दिखाया। परेशान चीन को कहना पड़ गया था कि इनका गहरा असर हो सकता है। जनरल रावत के कुछ और बेबाकी भरे बयान और उन पर तिलमिलाए चीन की प्रतिक्रिया…
भारत के लिए चीन सबसे बड़ा खतरा
13 नवंबर : जनरल रावत ने चीन को भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया। सीमा पर लाखों जवानों की तैनाती और सैन्य नेतृत्व के बीच 13 दौर की बातचीत बेनतीजा रहने को उन्हाेंने चीन पर भरोसे की कमी को बताया।
चीनी तिलमिलाहट : चीन के रक्षा प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने बयान को उकसाने वाला और खतरनाक बताया। इससे राजनीतिक टकराव बढ़ने की आशंका जताई।
हम दबाव से पीछे नहीं होंगे…15 अप्रैल 2021 : रावत ने कहा कि चीन केवल अपनी मनमानी चाहता है, उसकी ‘माय वे ऑर नो वे’ की नीति के सामने मजबूत भारत खड़ा है। हमने साबित किया है कि चीन हमें पीछे नहीं धकेल सकता।
चीनी बयान : चीन ने बयानों को खारिज कर तथ्यों से परे बताया।
अब 1962 जैसे हालात नहीं
जनवरी 2018 : चीन को अंतरराष्ट्रीय मंच और सैन्य मामलों में मजबूत माना जा रहा है तो भारत भी कमजोर नहीं है। आज 1962 जैसे हालात नहीं हैं, भारत की सैन्य ताकत कहीं ज्यादा मजबूत है।
चीन बोला : विदेश मंत्रालय प्रवक्ता लू कांग ने बयान को तनाव बढ़ाने वाला बताया। हालांकि उन्हाेंने रिश्तों में बदलाव की बात मानी।
दो मार्चे पर लड़ सकता है भारत
चीन द्वारा डोकलाम विवाद पैदा करने और उसी दौरान पाकिस्तान द्वारा तनाव बढ़ाने पर रावत ने सितंबर 2017 में कहा कि भारत एक समय में पाकिस्तान और चीन से दो मोर्चों पर लड़ सकता है। देश को इसके लिए तैयार रहना चाहिए।
चीन परेशान : इस बार चीन ने कहा, ऐसे बयान रिश्ते बिगाड़ते हैं।
पाकिस्तान को लेकर भी मुखर रहे जनरल रावत
बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान के लिए कड़ा संदेश था कि भारत में आतंकी भेजे तो बख्शेंगे नहीं। आतंकवाद से निपटने के भारत के नए तरीके ने पाकिस्तान की चिंता बढ़ा दी है। पाकिस्तान को हमारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने दीजिए फिर हमारे सेना की प्रतिक्रिया बहुत अलग होगी।
हमारे पास राजनीतिक इच्छाशक्ति है और सेना भी तैयार है। पाकिस्तान को कंट्रोल करने की जरूरत नहीं है। वो धीरे-धीरे खुद ही डीकंट्रोल हो रहा है। और शायद हमें कोई कार्यवाही करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। वह खुद ही आत्मदाह के मुहाने पर खड़ा है।
ट्विटर वार : ताइवान के सेना प्रमुख की भी ऐसे ही हादसे में हुई थी मौत, इशारों में चीन पर साधा निशाना
जनरल रावत की मौत को लेकर भारत और चीन के विशेषज्ञों के बीच ट्विटर वार भी शुरू हो गया है। रक्षा विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी ने ट्वीट किया, 2020 की शुरुआत में ताइवान के सेना प्रमुख जनरल शेन यी मिंग तथा सात अन्य लोगों की भी इसी तरह हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हुई थी। दोनों दुर्घटनाओं ने ऐसी हस्तियों की जान ली जो चीन की सैन्य आक्रामता का विरोध कर रहे थे। इस पर चीन सरकार के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने जवाबी ट्वीट किया कि ऐसे तो दुर्घटना में अमेरिका की भूमिका हो सकती है क्योंकि वह भारत रूस के बीच एस-400 सौदे का विरोध कर रहा है।
देश के लिए यह चुनौतीपूर्ण समय
ब्रह्म चेलानी ने एक ट्वीट में कहा, एक ऐसे समय पर जब चीन के साथ 20 महीने लंबे सीमा तनाव के कारण हिमालयी फ्रंट पर युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई है। ऐसे में भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल रावत, उनकी पत्नी और 11 सैन्य अधिकारियों की एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में दुखद मौत का इससे बुरा समय नहीं हो सकता था।
आंखों देखी : कोहरे से भरी थीं नीलगिरि की पहाड़ियां, धमाका-आग और धुएं का गुबार
जोर का धमाका और न जाने कहां जोर से किसी चीज के चक्कर खाने की आवाज, ये कुछ बहुत बुरा होने के प्रारंभिक संकेत थे जिससे पश्चिमी घाट के तमिलनाडु के नीलगिरि जिले के एक शांत गांव में चाय बगान मजदूरों को कुछ अपशकुन का आभास हुआ। जब उन्होंने लोहे के कबाड़ के बीच उठते धुएं और आग का गुबार देखा तो उन्हें अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था। वक्त भले ही दोपहर का था लेकिन पहाड़ों पर तब भी कोहरा छाया हुआ था।
पहले इन मजदूरों या उनके परिवार वालों को यह पता नहीं लगा कि हुआ क्या है, कुछ स्थानीय लोगों के साथ ये मजदूर ही सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे जहां चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य लोगों को ले जा रहा भारतीय वायुसेना का हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था। हालांकि स्थानीय लोग हेलिकॉप्टर के करीब नहीं पहुंच पाए क्योंकि आग की लपटें बहुत तेज थीं और आसपास के पेड़ों को जला रही थी। घटनास्थल एक चाय बागान, पहाड़ियों की शृंखला और घाटी के करीब था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार उन्हें सबसे पहले जोर के धमाके की आवाज सुनाई दी और उसके बाद लोहे की जोर की झनझनाहट जैसी आवाज आई। आग की लपटें करीब आधे घंटे तक भड़कती रहीं जिसने हेलिकॉप्टर को नष्ट कर दिया, उसमें सवाल लोगों की जान ले ली और आस-पास के भारी भरकम पेड़ों को राख कर दिया।
सबसे पहले मजदूरों ने देखी दुर्घटना
चेन्नई में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि दुर्घटनास्थल एक चाय बगान के करीब था। उस इलाके में गाड़ी जाने लायक सड़क केवल उस बागान तक ही जाती है। स्थानीय लोगों और बगान मजदूरों ने सबसे पहले ये देखा कि दुर्घटना हुई है। उन्होंने कहा कि घटना की वजह रक्षा मंत्रालय से जुड़े लोग ही बता पाएंगे।
पूरे जीवन नहीं भूलेगा ये हादसा
इस इलाके के लोगों को जंगली जानवरों के गांवों में प्रवेश करने और इंसानों पर हमले का अनुभव है लेकिन बुधवार को जो हुआ वो उन्होंने अपने पूरे जीवन में कभी नहीं देखा था और शायद अपने पूरे जीवन वो इसे भुला भी नहीं पाएंगे।
इन वीरों को भी खोने का गम
हेलिकॉप्टर हादसे में देश ने ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, नायक जितेंद्र कुमार, ले. कर्नल हरजिंदर सिंह, हवलदार सतपाल राज, लांस नायक विवेक कुमार, नायक गुरसेवक सिंह, लांस नायक बीएस तेजा और आगरा के विंग कमांडर पृथ्वी सिंह को भी खो दिया।
दुख की घड़ी में देश साथ
सीडीएस रावत की असमय मृत्यु देश व सशस्त्र बलों के लिए अपूरणीय क्षति है। जनरल रावत ने असाधारण साहस एवं पूरी लगन से देश की सेवा की। पहले सीडीएस के तौर पर उन्होंने तीनों सेनाओं के बीच समन्वय बढ़ाने की अद्भुत योजना बनाई। -राजनाथ सिंह, रक्षामंत्री
बेहद दुख का दिन… उनका निधन देश के लिए बड़ा नुकसान है। उनके योगदान को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। – अमित शाह, गृहमंत्री
बेहद दुखद हादसा, रावत, उनकी पत्नी व अन्य 11 के असमय निधन से स्तब्ध हूं। दुख की इस घड़ी में समूचा देश साथ खड़ा है। – राहुल गांधी, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष
रक्षा क्षेत्र में जनरल रावत की असाधारण कर्तव्यनिष्ठा ने अलग पहचान दिलाई। देश उनका योगदान सदैव याद रखेगा। – शरद पवार, एनसीपी प्रमुख
सीडीएस ने जिस निष्ठा के साथ राष्ट्र सेवा की है उसे देश कभी नहीं भूल सकता। उनका इस तरह जाना अपूरणीय क्षति। – ममता बनर्जी, सीएम, प. बंगाल
चार दशक तक रक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले जनरल बिपिन रावत को सैल्यूट है। देश आपको सदैव याद रखेगा। – जेपी नड्डा, भाजपा अध्यक्ष
एक सच्चे देश भक्त का यूं जाना साल की सबसे भयानक खबर। वतन के लिए आपके योगदान को देश कभी नहीं भूलेगा। – कंगना रणौत, अभिनेत्री
देश ने बड़ा सुरक्षा रणनीतिकार खो दिया। रावत के नेतृत्व में सेना ने शौर्य की नई परिभाषा गढ़ी है। वह सच्चे देशभक्त व सक्षम नेता थे। – दत्तात्रेय होसबाले, सरकार्यवाह आरएसएस
करमबीर हो सकते हैं नए सीडीएस
सरकार नए सीडीएस की नियुक्ति पर मंथन कर रही है। माना जा रहा है कि पिछले महीने नौसेना प्रमुख पद से रिटायर हुए एडमिरल करमबीर सिंह को नया सीडीएस बनाया जा सकता है। एडमिरल सिंह तीनों सेवारत प्रमुखों और हाल में रिटायर हुए सेना प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ हैं।
अगर सरकार तीनों अंगों के सेवारत प्रमुखों में से किसी को सीडीएस बनाने का फैसला करती है तो थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के नाम पर मुहर लग सकती है। जनरल नरवणे इन तीनों में सबसे वरिष्ठ हैं। इस स्थिति में सेना के नंबर दो डिप्टी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल संजीव कुमार शर्मा को सेना प्रमुख बनाया जा सकता है।
जानिए कैसे क्या हुआ: नहीं रहे जनरल रावत, पत्नी मधुलिका समेत 13 की मौत
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की बुधवार को हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई। वायुसेना का एमआई 17वी-5 हेलिकॉप्टर तमिलनाडु के नीलगिरि जिले के कुन्नूर के पास पश्चिमी घाट की पहाड़ियों में मौसम खराब होने से दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह अकेले जीवित बचे हैं। सुबह हेलिकॉप्टर क्रैश की खबर आने के बाद देशवासी अपने जांबाज नायक की सलामती की दुआएं कर रहे थे कि शाम को बुरी खबर आई कि जनरल रावत नहीं रहे। इसने पूरे देश में शोक की लहर भर दी। वायुसेना ने हादसे की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दिए हैं।
कोयंबटूर के पास वायुसेना के सुलूर स्टेशन से उड़ा हेलिकॉप्टर जनरल वेलिंग्टन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज जा रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, धुंध के कारण हेलिकॉप्टर थोड़ा नीचे उड़ता हुआ पेड़ों से टकराया और घाटी में जा गिरा। उसमें आग लग गई। प्रत्यक्षदर्शी पेरुमल ने बताया कि हेलिकॉप्टर से दो लोग जलते हुए बाहर भी गिरे। हादसे की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने तुरंत वनमंत्री के रामचंद्रन को मौके पर भेजा। बाद में खुद भी मौके पर पहुंचे।
ग्रामीणों ने तीन लोगों को निकालकर गंभीर हालत में सैन्य अस्पताल पहुंचाया, जहां दो की मौत हो गई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को हादसे की जानकारी दी। नई दिल्ली से वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेकराम चौधरी भी कुन्नूर रवाना हो गए। जनरल रावत बतौर सीडीएस इसी महीने दो साल पूरा करने वाले थे।
राष्ट्रपति ने जताया शोक
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि जनरल रावत देश के बहादुर बेटे थे। उन्होंने चार दशक की निस्वार्थ सेवा में असाधारण वीरता का परिचय दिया।
आखिरी सैल्यूट : 16 मार्च 1958 – 8 दिसंबर 2021, उत्कृष्ट सैनिक…सच्चे देशभक्त
पहले सीडीएस, उत्कृष्ट सैनिक और एक सच्चे देशभक्त को देश ने खो दिया। उन्होंने सेना के आधुनिकीकरण में अहम भूमिका निभाई। सामरिक मुद्दों पर उनके विचार असाधारण होते थे। राष्ट्र के प्रति उनकी सेवाओं को देश कभी नहीं भूलेगा। -नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
राजनाथ आज संसद में देंगे वक्तव्य
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बृहस्पतिवार को पूर्वाह्न 11.15 बजे लोकसभा और 12 बजे राज्यसभा में विमान हादसे पर वक्तव्य देंगे।
कल दिल्ली में होगा अंतिम संस्कार
सभी शव बृहस्पतिवार शाम तक दिल्ली लाए जाएंगे। सीडीएस जनरल रावत व उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार शुक्रवार को दिल्ली कैंट के ब्रार स्क्वायर में होगा। उनके पार्थिव शरीर शुक्रवार को राजधानी स्थित आवास पर रखे जाएंगे और 11 बजे से 2 बजे तक लोग श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
14 लोग थे सवार
सीडीएस जनरल रावत व पत्नी मधुलिका के अलावा ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, बी साई तेजा व हवलदार सतपाल।
डिफेंस स्टाफ सर्विसेज कॉलेज के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह।
विंग कमांडर पृथ्वीसिंह चौहान हेलिकॉप्टर उड़ा रहे थे। वह 109 हेलिकॉप्टर यूनिट के कमांडिंग अफसर थे। तीन क्रू सदस्य भी थे।
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह गंभीर, इलाज जारी
हादसे में बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का गंभीर हालत में वेलिंग्टन के सैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा है।
बस दस किमी का सफर था बाकी
सुबह 11:48 बजे : सुलूर एयरबेस से भरी उड़ान
12:22 बजे : हेलिकॉप्टर लापता होने की खबर
जनरल रावत वायुसेना के एंब्रेअर विमान में सुबह 8ः47 पर पालम एयरबेस से वेलिंग्टन रवाना हुए थे।
कोयंबटूर में सुलूर एयरबेस पर सुबह 11:34 बजे विमान उतरा।
14 मिनट बाद एमआई-17वी5 से 60 किमी दूर वेलिंग्टन जिमखाना हेलीपैड के लिए उड़ान भरी।
हेलीपैड से 10 किमी पहले ही हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
1963 के बाद सबसे बड़ा हादसा : जम्मू कश्मीर के पुंछ में हेलिकॉप्टर हादसे में छह वायुसेना अफसर मारे गए थे।
ये हो सकती हैं हादसे की वजहें…खराब मौसम, कम दृश्यता या तकनीकी खामी
खराब मौसम : शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, खराब मौसम और कोहरे से दृश्यता कम थी। मजबूरन पायलट काफी नीचे उड़ान भर रहा था। माना जा रहा है कि इस वजह से वह हेलिकॉप्टर से नियंत्रण खो बैठा।
भौगोलिक स्थिति : हादसा नीलगिरि पर्वतमाला में हुआ। यहां ऊंची पहाड़ियां और गहरी घाटियां हैं। इस पर घना जंगल उड़ान के लिए और मुश्किलें पैदा करता है। आमतौर पर ऐसे में हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भरते।
हेलिपैड दूर से देखना मुश्किल : वेलिंग्टन हेलिपैड जंगल और पहाड़ों के बीच है। खराब मौसम, कम दृश्यता और अन्य मुश्किलों के बीच पायलट को लोकेशन का अंदाजा लगाना मुश्किल हो सकता है।
तकनीकी खराबी : एक पूर्व पायलट के अनुसार, एमआई-17 के पायलट काफी अनुभवी होते हैं। इसलिए अचानक तकनीकी खराबी से इनकार नहीं किया जा सकता।
पेड़ों से टकराया और जल उठा हेलिकॉप्टर, प्रत्यक्षदर्शियों ने बयां किया दिल दहलाने वाला मंजर
खराब मौसम और पायलट को हेलिपैड न दिखने से हादसे की आशंका प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों से भी मजबूत होती है। प्रत्यक्षदर्शी कृष्णास्वामी और कुमार के अनुसार वे अपने घर के भीतर थे, जब उन्हें तेज धमाका सुनाई दिया। ऐसा लगा कोई भारी वस्तु आसपास गिरी है। उन्होंने बाहर देखा तो पाया कि हेलिकॉप्टर पेड़ों से टकरा कर गिर रहा था। उसमें आग लग चुकी थी और बहुत सारा धुआं निकल रहा था। नीचे गिरते ही उसके टुकड़े हो गए।
कृष्णा के अनुसार उन्होंने धुएं के बीच दो लोगों को जलते हुए हेलिकॉप्टर से बाहर आते देखा। तब तक कई लोग वहां आने लगे थे। कुमारस्वामी ने तुरंत प्रशासन व बचावकर्मियों को सूचना दी। हादसास्थल से इन लोगों का घर करीब 100 मीटर दूरी पर ही है। स्थानीय लोगों ने आग बुझाने में भी मदद की। वे घायलों को निकाल रहे सुरक्षाकर्मियों को हर तरह से मदद दे रहे थे, घायल को उठाकर अस्पताल ले जाने में भी सहयोग दे रहे थे।
जलते शरीरों की गंध से लगा अंदाजा
लोगों को पहले लगा कि जंगल में आग लगी है और पेड़ जल रहे हैं, लेकिन नजदीक जाने पर उन्हें जलता हेलिकॉप्टर व लाशों के जलने की गंध आई। पूरा जल चुका एक शरीर पेड़ों की शाखाओं से नीचे गिरा, तब उन्हें पता चला कि क्या हुआ है। इसके बाद, झाड़ियों में उन्हें एक और शरीर जलता दिखा, जो एक युवा सैनिक था। एक और सैन्यकर्मी पूरी तरह जलकर औंधे मुंह पड़ा था। उसकी मौत हो चुकी थी। तब तक भी लोगों को हेलिकॉप्टर में सवार लोगों की पहचान का अंदाजा नहीं था।
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