भारत-अमेरिका संंबंधों में कहा कमी रह गई, विदेशी धरती से राहुल ने चीन का नाम लेकर किया बड़ा दावा
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका दौर पर हैं। उन्होंने मंगलवार को वॉशिंगटन डीसी में एक इंटरव्यू दिया। इस दौरान उन्होंने भाजपा-आरएसएस पर जमकर हमला बोला। साथ ही बांग्लादेश के साथ संबंधों पर भी बात की। वहीं भारतीय मतदाताओं और कमजोर लोकतंत्र से लेकर चीनी कब्जे के बारे में बहुत कुछ कहा। यहां तक कि अमेरिका के दखल देने पर भी जवाब दिया।
Rahul Gandhi Attack BJP: कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अमेरिका में भारत-पाकिस्तान संबंधों, चीन और अमेरिका जैसे मुद्दों के साथ ही बांग्लादेश में हो रही हिंसा पर बड़ी बात कही है. वॉशिंगटन डीसी में नेशनल प्रेस क्लब में मीडिया से बात करते हुए राहुल ने बांग्लादेश में हिंसा रोकने के लिए भारत सरकार की तरफ से दबाव बनाने पर भी जोर दिया.
राहुल गांधी ने बातचीत में भारत-अमेरिका संबंधों की दीर्घकालिक संभावनाओं के बारे में भी बात की. राहुल ने कहा, “भारत और अमेरिका के रिश्ते के दो तत्व हैं. पहला है रक्षा सहयोग, जो महत्वपूर्ण है और मुझे लगता है कि हम इस मामले में दोनों ही अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन दूसरा तत्व है चीन. चीन ने हमारे सामने गैर-लोकतांत्रिक माहौल में उत्पादन और समृद्धि का एक दृष्टिकोण रखा है, लेकिन सवाल ये उठता है कि इस पर भारत और अमेरिका की प्रतिक्रिया क्या है? क्या हम बस बैठे रहेंगे और कहेंगे, ठीक है, चीन दुनिया का निर्माता हो सकता है और हम कुछ नहीं करने जा रहे हैं? या हमारे पास कोई प्रतिक्रिया है?
बेल्ट एंड रोड के लिए हमारी प्रतिक्रिया क्या है? मुझे इस पर दोनों ही देशों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखती… इसलिए मेरे हिसाब से, वास्तव में अमेरिका और भारत के सहयोग को यहां मजबूत करने की जरूरत है. हम उत्पादन या विनिर्माण का एक लोकतांत्रिक दृष्टिकोण कैसे प्रदान कर सकते हैं जो बाकी दुनिया के लिए काम करे? और मुझे लगता है कि दोनों देश अलग-अलग चीजें पेश करते हैं और वहां बहुत बड़ा अवसर है. मुझे भारत-अमेरिका संबंधों में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखता है. भारत-अमेरिका संबंध दोनों के लिए महत्वपूर्ण है.
‘हिंसा रोकने के लिए बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाना सरकार की जिम्मेदारी’
राहुल गांधी से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या कैपिटल हिल में सांसदों के साथ बैठकों में बांग्लादेश पर चर्चा हुई, तो राहुल गांधी ने कहा, “हमने इस मुद्दे को उठाया और उन्होंने भी हमसे बात की. देखिए, हम किसी भी तरह की हिंसा के खिलाफ हैं और हम चाहते हैं कि यह रुके. इसे जल्द से जल्द रोकना बांग्लादेशी सरकार की जिम्मेदारी है. हमारी तरफ से, यह हमारी सरकार की जिम्मेदारी है कि वह दबाव बनाए ताकि हिंसा रुके.”
भारत-पाकिस्तान संबंधों पर ये बोले राहुल
भारत-पाकिस्तान संबंधों पर राहुल गांधी ने कहा कि हमारे देश में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान के कारण दोनों देश पीछे रह गए हैं. हम पाकिस्तान की ओर से हमारे देश में आतंकवाद को बढ़ावा देना स्वीकार नहीं करेंगे, इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा और जब तक वे ऐसा करते रहेंगे, तब तक समस्याएं बनी रहेंगी…”
बीजेपी और आरएसएस से हमारी वैचारिक लड़ाई
राहुल गांधी ने विपक्ष का नेता बनने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि यह (लोकसभा में विपक्ष का नेता बनना) मेरी ओर से पहले किए गए काम का विस्तार है. भारत में कांग्रेस, उसके सहयोगियों की लड़ाई भाजपा और आरएसएस से है. यह एक वैचारिक युद्ध है. वे भारत के दो बिल्कुल अलग दृष्टिकोण हैं. हम एक बहुल दृष्टिकोण में विश्वास करते हैं, एक ऐसा दृष्टिकोण जहां सभी को फलने-फूलने का अधिकार है. भारत में सभी कल्पनाएं स्वतंत्र रूप से घूम सकती हैं, जहां आपको इस आधार पर सताया नहीं जाता कि आप किस धर्म में विश्वास करते हैं, आप किस समुदाय से आते हैं या आप कौन सी भाषा बोलते हैं.
भारत की संस्थाओं की रक्षा की फिर दोहराई बात
राहुल गांधी यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा, “भारत की संस्थाओं की रक्षा करें, भारत में कमज़ोर वर्गों की रक्षा करें, निचली जाति की रक्षा करें, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों की रक्षा करें और गरीब लोगों की रक्षा करें. यात्रा के बाद, मैं जितने लोगों की आवाज़ बन सका या बनने की कोशिश की… तो इसके लिए, आपको जाना होगा और समझना होगा कि क्या हो रहा है. आपको कृषि जगत में, वहां हो रहे संघर्षों में, बहुत गहराई से जाना होगा. वित्तीय प्रणाली में, कर प्रणाली में जाना होगा.
‘हमें भारत जोड़ो यात्रा और न्याय यात्रा के लिए मजबूर किया गया’
राहुल गांधी ने कहा, हमारी पार्टी राजनीतिक रूप से भारत जोड़ो यात्रा और न्याय यात्रा करने के लिए मजबूर थी. उन्होंने कहा, “हमें राजनीतिक रूप से यात्रा करने के लिए मजबूर किया गया, क्योंकि लोकतंत्र में सामान्य रूप से काम करने वाले सभी साधन काम नहीं कर रहे थे… मीडिया काम नहीं कर रहा था, अदालतें काम नहीं कर रही थीं… कुछ भी काम नहीं कर रहा था, इसलिए हमने कहा, ठीक है, चलो सीधे चलते हैं. हम गए और यह काम कर गया. राहुल गांधी ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि 2014 में नरेंद्र मोदी के आने के बाद भारत की राजनीति बदल गई. हम राजनीति के ऐसे दौर में पहुंच गए, जो हमने पहले कभी नहीं देखा था. आक्रामक, हमारे लोकतांत्रिक ढांचों की नींव पर हमला. यह एक कठिन लड़ाई रही है और व्यक्तिगत रूप से, इसने मुझे बदल दिया.”
पीएम मोदी ने चीन प्रतिस्पर्धा को संभाल लिया?
यह पूछे जाने पर कि क्या आपको लगता है कि पीएम मोदी ने अमेरिका-चीन प्रतिस्पर्धा को संभाल लिया है, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘ठीक है, अगर आप हमारे क्षेत्र के 4,000 वर्ग किलोमीटर में चीनी सैनिकों को रखने को किसी चीज से अच्छी तरह से निपटना कहते हैं, तो हो सकता है कि हमने लद्दाख में दिल्ली के आकार की भूमि पर चीनी सैनिकों का कब्जा कर रखा हो। मुझे लगता है कि यह एक आपदा है। अगर कोई पड़ोसी आपके क्षेत्र के 4000 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा कर ले तो अमेरिका की क्या प्रतिक्रिया होगी? क्या कोई राष्ट्रपति यह कहकर बच निकल पाएगा कि उसने इसे अच्छी तरह से संभाला है? इसलिए मुझे नहीं लगता कि पीएम मोदी ने चीन को बिल्कुल भी अच्छी तरह से संभाला है। मुझे लगता है कि चीनी सैनिकों के हमारे क्षेत्र में बैठने का कोई कारण नहीं है।’
अमेरिका के दबाव डालने पर कह दी यह बात
पूछे जाने पर कुछ पर्यवेक्षकों का कहना है कि अमेरिका को प्रधानमंत्री मोदी पर अधिक दबाव डालना चाहिए, लेकिन अन्य का कहना है कि बाहरी दबाव से बहुत कम फर्क पड़ता है। आपका क्या विचार है और आपको क्या लगता है कि अमेरिका का रुख आज भारत के प्रति होना चाहिए, इस पर राहुल गांधी ने कहा, ‘भारत में लोकतंत्र की लड़ाई सिर्फ भारतीयों की लड़ाई है। इसका किसी और से कोई लेना-देना नहीं है। यह हमारा देश है और हम इसका ध्यान रखेंगे। हम लड़ेंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि लोकतंत्र सुरक्षित रहे। हालांकि, यह समझना महत्वपूर्ण है कि भारतीय लोकतंत्र अपने आकार के कारण किसी भी सामान्य लोकतंत्र से कहीं अधिक है और यदि आप दुनिया की लोकतांत्रिक दृष्टि के बारे में बात कर रहे हैं, तो भारतीय लोकतंत्र में एक बड़ा स्थान है। इसलिए मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि दुनिया भारतीय लोकतंत्र को न केवल भारत के लिए ही बल्कि पूरे भारत के लिए एक संपत्ति के रूप में देखे। अमेरिका को सलाह देना कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी से कैसे व्यवहार करना चाहिए, यह मेरा अधिकार नहीं है।’
With Thanks Reference to:https://www.abplive.com/news/india/rahul-gandhi-america-visit-lop-attack-bjp-again-talk-about-india-alliance-china-usa-bjp-rss-congress-2780695 and https://www.amarujala.com/world/rahul-gandhi-on-being-asked-do-you-think-pm-modi-has-managed-the-us-china-competition-news-in-hindi-2024-09-11?src=tlh&position=1#goog_rewarded