किडनी इंफेक्शन से हैं पीड़ित तो जान लीजिए इसका आयुर्वेदिक इलाज और घरेलू उपाय

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गुर्दे का संक्रमण यानी किडनी इंफेक्शन (पायलोनेफ्राइटिस : Pyelonephritis) एक विशेष प्रकार का मूत्र पथ संक्रमण यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) है. यह इंफेक्शन आमतौर पर मूत्रमार्ग या मूत्राशय (Urinary Bladder) से शुरू होता है और गुर्दे यानी किडनी तक पहुंच जाता है. अगर आप या आपके किसी जानकार को किडनी इंफेक्शन हो गया है तो इसके तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है. किडनी इंफेक्शन को पायलोनेफ्राइटिस भी कहा जाता है. यह एक या दोनों किडनी में फैल सकता है. यह बीमारी अचानक भी हो सकती है और कई बार यह रोग पुराना भी होता है. किडनी इंफेक्शन में बहुत ज्यादा दर्द होता

अगर इसका ठीक तरह से इलाज न किया जाए तो किडनी का इंफेक्शन आपके गुर्दों को स्थायी तौर पर नुकसान पहुंचा सकता है. यही नहीं बैक्टीरिया खून में भी फैल सकता है और यह स्थिति जानलेवा संक्रमण का कारण बन सकती है. किडनी इंफेक्शन के इलाज के लिए एंटीबॉयोटिक्स को इस्तेमाल में लाया जाता है. किडनी इंफेक्शन में अक्सर अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है. अगर आपको बार-बार किडनी इंफेक्शन हो रहा है और एलोपैथिक दवाओं से ज्यादा फर्क नहीं पड़ रहा है तो आप आयुर्वेदिक इलाज अपना सकते हैं. किडनी इंफेक्शन के इलाज के लिए आयुर्वेद में बहुत ही उपयोगी जड़ी-बूटियां मौजूद हैं. आयुर्वेदिक इलाज जानने से पहले जानते हैं किडनी इंफेक्शन के लक्षण क्या होते हैं.

किडनी इन्फेक्शन के लक्षण – Kidney Infection Symptoms in Hindi
बुखार आना
मतली और उल्टी आना
बहुत तेज पेट दर्द
ठंड लगना
बार-बार पेशाब आना (ये भी पढ़ें –
कमर में पीछे की ओर, एक तरफ या पेट व जांध के बीच के हिस्से में दर्द महसूस होना
पेशाब करते समय जलन या दर्द महसूस होना
पेशाब में मवाद या खून आना
पेशाब में बदबू आना या धुंधला मूत्र आना
किडनी इंफेक्शन के लिए आयुर्वेदिक इलाज – Ayurvedic treatment for kidney infection in Hindi
आयुर्वेद के अनुसार शरीर में वात, कफ या पित्त दोष में किसी भी तरह के असंतुलन की वजह से रोज जन्म लेता है. पित्त या खासतौर पर पचका पित्त को किडनी इंफेक्शन के लिए मुख्यत: जिम्मेदार माना जाता है. आयुर्वेद में किडनी इंफेक्शन को मुत्रवाहा श्रोतो विकार यानी पेशाब से जुड़ी परेशानी कहा जाता है. इसमें गुर्दों के साथ ही मूत्र पथ संक्रमण (Urinary Tract Infection) भी शामिल है. किड़नी इंफेक्शन में वरुण, गोक्षुरा और पुनर्नवा जैसी जड़ी-बूटियों की मदद से इलाज होता है. चलिए जानते हैं किडनी इंफेक्शन में यह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां कैसे काम करती हैं

वरुण
किडनी इंफेक्शन के लिए वरूण एक शानदार जड़ी-बूटी है.इसे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है. मूत्र पथ यानी यूरिनरी ट्रैक्ट में किसी भी तरह की रुकावट में यह जडृी बहुत उपयोगी साबित होती है. किडनी, मूत्रवाहिनी और मूत्राशय की पथरी समेत कई प्रकार के मूत्र विकारों के इलाज के लिए वरुण का इस्तेमाल किया जाता है. (ये भी पढ़ें – अपने खान-पान में इन 5 गलतियों को सुधार लें, क्योंकि ये आदतें किडनी फेल होने का कारण बन सकती हैं)
गोक्षुरा
गोक्षुरा को अंग्रेजी में ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस कहा जाता है. इसका इस्तेमाल आमतौर पर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने (Immunity Booster), कामोत्तेजक और कायाकल्प गुणों के लिए किया जाता है. गोक्षुरा को किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह गोखरु चूर्ण और गोकरशादी गुग्गुलु दोनों रूपों में मिलता है. यह अतिरिक्त यूरिक एसिड के उत्सर्जन में मदद करता है. इससे किडनी को ठीक से काम करने में मदद मिलती है.
पुनर्नवा
यह जड़ी जलन को नियंत्रित करने में मददगार साबित होती है, क्योंकि इसमें मूत्रवर्धक गुण होते हैं. इसके सेवन से पेशाब का प्रवाह बढ़ता है. यह पेशाब के दौरान जलन जैसे यूटीआई लक्षणों को कम करने में भी मददगार है.

किडनी इंफेक्शन में घरेलू टिप्स – Ayurvedic Tips for kidney infection in Hindi
किडनी इंफेक्शन की स्थिति में कुछ आयुर्वेदिक और घरेलू उपायों का पालन किया जा सकता है. (ये भी पढ़ें – अपनी किडनी की परवाह करते हैं तो इन घरेलू उपायों को आज से ही इस्तेमाल करना शुरू कर दें)

अपने खाने में कैलोरी की मात्रा अधिक रखें.
आपको अपने खाने में प्रोटीन की मात्रा कम रखनी चाहिए.
फास्ट फूड, मैदा, पैक्ड फूड, बेक्ड फूड, प्रोसेस्ड फूड और प्रिजर्व फूड्स न खाएं
सब्जियों को ज्यादा पानी में पकाकर खाएं.
किडनी इंफेक्शन की स्थिति में आपको पनीर, नमकीन, चाय, चीज, कॉफी, जैम, सॉस के साथ ही फल, फलों के रस और नट्स के अधिक सेवन से बचना चाहिए.
किडनी इंफेक्शन है तो टमाटर के रस में काली मिर्च का पाउडर और नमक मिलाकर सेवन करें. यदि संभव हो तो दिन की शुरुआत इसी ताजा जूस से करें.
किडनी की सेहत के लिए तरबूज अच्छा होता है. आप चाहें तो तरबूज खा सकते हैं या इसका जूस पी सकते हैं.
करीब डेढ़ कप पानी में दो अंजीर उबालकर एक मिश्रण तैयार कर लें और एक महीने तक खाली पेट सेवन करें.
लौकी का पल्प और जूस पेशाब और उत्सर्जन अंगों की समस्याओं के इलाज में उपयोगी साबित होता है.
किडनी से जुड़ी समस्याओं के लिए नारियल पानी भी लाभदायक होता है.
किडनी की समस्याओं में मूली के पत्तों का जूस लाभदायक होता है. इसके लिए मूली के पत्तों का जूस नियमित तौर पर दो बार लें.
तुलसी के पत्तों का एक चम्मच रस शहद में मिलाकर 5-6 महीने सुबह के समय लेने से भी किडनी की समस्या में फायदा मिलेगा.

With Thanks Reference to: https://www.india.com/hindi-news/health/ayurvedic-treatment-and-home-remedies-for-kidney-infection-in-hindi-5549665/

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