First Underwater Metro: पानी के नीचे दौड़ेगी मेट्रो, भारत की पहली अंडरवाटर रेल टनल का आज आगाज, PM मोदी देश को करेगे समर्पित
First Underwater Metro: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल और अमृतकाल में भारत दिन प्रतिदिन नए-नए कीर्तिमान रच रहा है। 6 मार्च को पीएम मोदी देश की पहली अंडर वॉटर मेट्रो की सौगात कोलकाता वासियों को देने जा रहे है।
कोलकाता,06मार्च(इ खबर टुडे)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता में देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो का उद्घाटन करेंगे। पीएम मोदी पश्चिम बंगाल दौरे पर पहुंचने के बाद एक समारोह में इस अत्याधुनिक मेट्रो रेल सेवा देशवासियों को समर्पित करेंगे।
कोलकाता की अंडरवाटर मेट्रो का निर्माण हुगली नदी के नीचे कराया गया है। कुछ दिनों पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कोलकाता मेट्रो रेल सेवाओं की समीक्षा की थी। यात्रियों के लिए पूरी तरह बनकर तैयार हो चुकी अंडरवाटर मेट्रो रेल को प्रधानमंत्री बुधवार को देश को समर्पित कर देंगे।
मेट्रो की खासियत
मेट्रो रेल के मुताबिक, इस कॉरिडोर की पहचान 1971 में शहर के मास्टर प्लान में की गई थी। मेट्रो रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कौशिक मित्रा ने कहा, ‘हावड़ा और कोलकाता, पश्चिम बंगाल के दो सदियों पुराने ऐतिहासिक शहर हैं और यह सुरंग हुगली नदी के नीचे से इन दोनों शहरों को जोड़ेगी। ‘इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बारासात में बुधवार को एक रैली को भी संबोधित करेंगे, जहां संदेशखालि स्थित है।
महाराष्ट्र को भी मिलेगी विकास परियोजनाओं की सौगात
अंडरवाटर मेट्रो के अलावा, प्रधानमंत्री कवि सुभाष-हेमंत मुखोपाध्याय मेट्रो खंड और तारातला-माजेरहाट मेट्रो खंड का भी उद्घाटन करेंगे। इसी के साथ पीएम मोदी देश भर में कई प्रमुख मेट्रो और रैपिड ट्रांजिट परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे। इसके अलावा, प्रधानमंत्री पिंपरी चिंचवड़ मेट्रो-निगड़ी के बीच पुणे मेट्रो रेल परियोजना चरण 1 के विस्तार की आधारशिला भी रखेंगे।
भूकंप सह सकता है टनल, पानी लीक हुआ तो तुरंत चलेगा पता
अंडर वाटर मेट्रो में सबसे बड़ी चुनौती वाटर प्रूफिंग थी। दरअसल यह टनल नदी से 26 मीटर नीचे बनाया गया है। ऐसे में सबसे पहले यही पुख्ता करने की जरूरत थी कि टनल में एक बूंद पानी न जाए। टनल बनाने वाली कंपनी अफकॉन्स ने यह काम रूसी कंपनी ट्रांसटोनेल्ट्रॉय के साथ काम किया। कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक इसे ऐसे तैयार किया गया है ताकि टनल में जरा भी पानी पहुंचे तो उसके गैसकेट खुल जाएंगे। यह टनल भूकंप भी सह सकता है।
ऐसे मे 520 मीटर लंबे इस टनल को पार करने में मेट्रो को एक मिनट से भी कम समय लगता है। इस कॉरिडोर पर कुल 12 स्टेशन हैं, इनमें से आधे स्टेशन अंडरग्राउंड हैं। यह टनल देश का सबसे गहरा टनल है। जो जमीन से 30 मीटर नीचे है।
कोलकाता की हुगली नदी के नीचे बनी इस टनल के लिए लगातार 67 दिन तक बस खुदाई का काम चला था। इंजीनियरों के मुताबिक टनल की खोदाई 2017 में शुरू हुई थी और लगातार 67 दिन तक चली थी। यह काम लगातार इसलिए करना था, क्योंकि लीकेज और धंसाव का डर लगातार था। ऐसे में एक भी दिन काम को रोका नहीं जा सकता था।
अब विश्व के चुनिंदा देशों में शामिल भारत
कोलकाता की हुगली नदी के 26 मीटर नीचे बने इस 520 मीटर टनल में मेट्रो दौड़ाने के साथ ही भारत विश्व के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया जहां अंडरवाटर मेट्रो दौड़ रही है। अभी तक पेरिस, लंन, न्यूयॉर्क, शंघाई और काहिरा ही ऐसे शहर हैं जहां पर पानी के अंदर मेट्रो दौड़ती है। अब कोलकाता का नाम भी इन शहरों की लिस्ट में जुड़ गया है।
इस मेट्रो रूट पर चार स्टेशन हैं। जिनमें एस्प्लेनेड, महाकरण, हावड़ा और हावड़ा मैदान शामिल हैं। कोलकाता के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के तहत करीब 520 मीटर लंबी का निर्माण किया गया है। ये सुरंग पूर्वी हिस्से में साल्ट लेक सेक्टर V को कवर करते हुए पश्चिम में हावड़ा मैदान तक नदी के किनारे तक जाती है।
आपको बता दें कि देश की पहली मेट्रो भी कोलकाता में ही शुरू की गई थी। इसकी शुरुआत साल 1984 में की गई थी। भारत में अपनी तरह की पहली अंडरवाटर मेट्रो ट्रेन की तुलना यूरोस्टार से की गई है। जो लंदन और पेरिस को जोड़ती है। ये हुंगली नदी के तल से 13 मीटर नीचे होकर ये मेट्रो ट्रेन चल रही है। इसके शुरू होने से लाखों यात्रियों को राहत मिलेगी
हावड़ा स्टेशन सबसे ज्यादा 33 मीटर तक गहरा है। अभी दिल्ली मेट्रो का हौज खास स्टेशन 29 मीटर तक सबसे ज्यादा गहरा स्टेशन है। सुरंग को बनाने में प्रति किलोमीटर 120 करोड़ रुपये तक का खर्च बताया जा रहा है।
कोलकाता मेट्रो ग्रीन लाइन या ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर की बात करें तो यह 16.6 किलोमीटर लंबा है। यह सेक्टर पांच और हावड़ा को जोड़ता है। सेक्टर पांच से सियालदह के बीच मेट्रो का संचालन पहले से जारी है जिसके बीच कुल छह स्टेशन हैं. सियालदह और एस्प्लेनेड के बीच टनल है जो हुगली नदी के अंदर बनाया गया है। इस टनल की लंबाई 520 मीटर है। सियालदह-एस्प्लेनेड सेक्शन 2.5 किलोमीटर का है। उसके बाद एस्प्लेनेड-हावड़ा सेक्शन 4.5 किलोमीटर का है। ईस्ट बाउंड टनल की मदद से मेट्रो साल्ट लेक सेक्टर पांच से हावड़ा की तरफ जाएगी
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