अब सच में है डरने की जरूरत, 2 वीक में कोविड के नए वेरिएंट JN.1 ने कर दिया खेल, जिनोम लैब का खुलासा

INSACOG

Corona Variant JN.1 Cases: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से परीक्षण बढ़ाने और सीक्वेंस के लिए डेली बेसिस बड़ी संख्या में कोरोना और निमोनिया जैसी बीमारियों के सैंपल को INSACOG को भेजने का आग्रह किया. साथ ही उन्होंने बैठक में भी यह भी सुझाव दिया कि अस्पतालों में हर तीन महीने में मॉक ड्रिल आयोजित की जानी चाहिए.

हाइलाइट्स

भारत के कोविड-19 जीनोमिक सिक्वेंसिंग कंसोर्टियम INSACOG द्वारा जारी की गई रिपोर्ट.
रिपोर्ट के मुताबिक बीते दो हफ्ते में लैब में आए सैंपल में जेएन.1 की मौजूदगी पायी गई है.

नई दिल्लीः दुनियाभर में कोरोना वायरस के नए सब-वेरिएंट JN.1 ने तहलका मचा रखा है. वहीं भारत में भी इसकी स्थिति गंभीर होती जा रही है, जिसको लेकर केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारें भी अलर्ट हो गई हैं. कोरोना के नए वेरिएंट की बढ़ती गंभीरता को ध्यान में रखते हुए बैठकों का दौर शुरू हो गया है और एडवाइजरी जारी की जा रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते दो हफ्तों में कोरोना वायरस के जो भी सैंपल लिए गए, उन सबमें JN.1 की मौजूदगी पायी गई है. भारत के कोविड-19 जीनोमिक सिक्वेंसिंग कंसोर्टियम INSACOG द्वारा बुधवार को अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो हफ्तों में एकत्रित किए गए सभी सैंपल में नए सब-वेरिएंट JN.1 के लक्षण पाए गए हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक यह डेटा भारत में मौजूदा वेरिएंट की स्थिति को स्पष्ट नहीं कर रहा है. क्योंकि अधिकांश राज्यों की प्रयोगशालाओं ने जून-जुलाई से जीनोम सिक्वेंस भेजना बंद कर दिया है. इस साल मई में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ऐलान किया था कि कोरोना अब हेल्थ इमरजेंसी नहीं है. लेकिन सभी देश इसके बदलते स्वरूप पर निगरानी बनाए रखें. मंगलवार को, WHO ने JN.1 को वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के तौर पर नामित किया. लेकिन साथ में यह भी बताया कि नए सब-वेरिएंट मौजूदा परिस्थिति में खतरनाक नहीं है और पब्लिक हेल्थ रिस्क कम है. यानी कि मौजूदा उपचार के साथ-साथ दी जा रही वैक्सीन लोगों को गंभीर संक्रमण होने से रोकने में मददगार है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से परीक्षण बढ़ाने और सीक्वेंस के लिए डेली बेसिस बड़ी संख्या में कोरोना और निमोनिया जैसी बीमारियों के सैंपल को INSACOG को भेजने का आग्रह किया. साथ ही उन्होंने बैठक में भी यह भी सुझाव दिया कि अस्पतालों में हर तीन महीने में मॉक ड्रिल आयोजित की जानी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे कोरोना की स्थिति गंभीर होने पर तैयार रहें.

बता दें कि जेएन.1 का पहला मामला 8 दिसंबर, 2023 को केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के काराकुलम में मिला था. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पिछले नौ दिनों में कोरोना वायरस के सक्रिय मामलों की संख्या दोगुनी हो गई है, जो कि 11 दिसंबर के 938 से बढ़कर मंगलवार को 1,970 हो गई है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने बुधवार को कहा कि देश भर में अब तक कोरोना के नए सब-वेरिएंट जेएन.1 के 21 मामलों का पता चला है.

With Thanks Reference to: https://hindi.news18.com/news/nation/coronavirus-all-samples-in-last-2-weeks-were-of-new-covid-variant-jn-1-genome-sequencing-daily-case-health-advisory-7918607.html

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