केंद्रीय मंत्री राव का रैली के जरिए शक्ति प्रदर्शन:कैबिनेट मिनिस्टर भूपेन्द्र यादव के गढ़ पटौदी में जलसा; दोनों नेताओं में दूरियां जगजाहिर

केंद्रीय मंत्री

हरियाणा में अहीरवाल की सियासत को अपने हिसाब से चलाने वाले केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह एक बार फिर शक्ति प्रदर्शन के जरिए अपनी ताकत दिखाने की कोशिश करेंगे। 25 जून को गुरुग्राम के पटौदी में बड़ी रैली होने वाली है। हालांकि इस बार रैली राव इन्द्रजीत सिंह की तरफ से नहीं, बल्कि भाजपा द्वारा हर लोकसभा क्षेत्र में शुरू की गई रैलियों की कड़ी में हो रही है।

रैली राव इन्द्रजीत सिंह के संयोजन में होगी। ऐसे में वह रैली में जुटने वाली भीड़ के जरिए समर्थकों के बीच अपनी पकड़ का संदेश शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाने की कोशिश में रहेंगे।

रैली की सबसे बड़ी खास बात यह है कि पटौदी से रामपुरा हाउस का पुराना नाता रहा, लेकिन गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा पटौदी विधानसभा क्षेत्र मोदी कैबिनेट में पावरफुल मंत्री भूपेंद्र यादव का है। उनका पैतृक गांव जमालपुर इसी हल्के में आता है। इस रैली में भूपेन्द्र यादव के आने की संभावना ना के बराबर ही है।

राव दे चुके भीड़ जुटाने का संदेश
बता दें कि पटौदी में रैली फाइनल होने के बाद केंद्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह की तरफ से उनके खास समर्थकों को रैली में भीड़ जुटाने का संदेश दिया जा चुका है। राव इन्द्रजीत सिंह की पकड़ पूरे अहीरवाल बेल्ट में है। हर विधानसभा क्षेत्र में उनके खुद के समर्थकों की लंबी फौज है, जिसके जरिए वह हर मौके पर भीड़ जुटाकर अपनी ताकत दिखाते रहे हैं। वर्ष 2021 में ही उन्होंने अहीरवाल बेल्ट से बाहर निकलकर झज्जर जिले के पाटौदा में बड़ी रैली की थी। राव के लिए रैली में भीड़ जुटाना कोई मुश्किल काम भी नहीं है।

राव इन्द्रजीत सिंह ने जब कभी भी रैली की तो उसमें भीड़ जुटाने के लिए गांवों के दौरे करने की बजाए अपने समर्थकों के जरिए ही संदेश भिजवाकर भीड़ जुटाई। इस बार पटौदी में होने वाली रैली में भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी उनके खास समर्थकों पर ही है। इस रैली में भाजपा के प्रभारी एवं पूर्व मुख्यमंत्री बिपल्ब देब के अलावा कई सीनियर नेता पहुंच सकते हैं।

भूपेन्द्र और सुधा से नहीं बैठी पटरी
भूपेन्द्र यादव वर्तमान में राजस्थान से राज्यसभा सांसद है। उनकी गिनती प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के करीबियों में होती है। भूपेन्द्र यादव लंबे समय तक संगठन में रहकर काम करते रहे, लेकिन वर्ष 2021 में उस वक्त सभी को चौंका दिया, जब उन्हें मोदी सरकार में हुए फेरबदल के बाद सीधे कैबिनेट मंत्री की कुर्सी मिल गई। जबकि इसी गुरुग्राम से लगातार 3 बार (2 बार BJP और 1 बार कांग्रेस) से सांसद रहे राव इन्द्रजीत सिंह दोनों बार केन्द्र में राज्यमंत्री की भूमिका में ही रहे।

इतना ही नहीं भूपेन्द्र यादव के कैबिनेट मंत्री बनने के तुरंत बाद राव विरोधी खेमा एक्टिव हुआ और राव के गढ़ अहीरवाल में ही भूपेन्द्र यादव की जन आशीर्वाद यात्रा भी निकलवा दी। उसके बाद से शुरू हुई दोनों नेताओं की नाराजागी आज तक जग जाहिर है।

पिछले दिनों ही भूपेन्द्र यादव और इसी इलाके से ताल्लुक रखने वाली पूर्व सांसद सुधा यादव को भारतीय जनता पार्टी संसदीय बोर्ड का सदस्य भी बनाकर पार्टी ने झटका दिया था। क्योंकि सुधा यादव की गिनती भी राव के विरोधियों में ही होती है। महेन्द्रगढ़ से राव इन्द्रजीत सिंह को हराकर ही सुधा यादव सांसद बनी थी। 25 जून को होने वाली रैली में सुधा यादव के भी शामिल होने पर संशय बना हुआ है।

राव कर चुके अगला चुनाव लड़ने का ऐलान
दरअसल, शीर्ष नेतृत्व की तरफ से उम्रदराज नेताओं के टिकट कटने के दिए जा रहे संकेत के बीच राव इन्द्रजीत सिंह पहले ही कह चुके हैं कि वह अभी एक्टिव राजनीति से संन्यास नहीं लेंगे। पाटौदा की रैली में ही उन्होंने कह दिया था कि वह अगला चुनाव जरूर लड़ेंगे।

इसके साथ ही पिछले दिनों उन्होंने रेवाड़ी-नारनौल एरिया में हुई जनसभाओं में अपनी बेटी आरती राव को विधानसभा चुनाव लड़ाने का भी संदेश दे दिया था। नारनौल में तो यहां तक कह दिया था कि आरती अगला चुनाव हर हाल में लड़ेगी। राव इन्द्रजीत सिंह लंबे समय से अपनी राजनैतिक विरासत बेटी आरती राव को सौंपने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहे हैं।

With Thanks Reference To : https://www.bhaskar.com/local/haryana/rewari/news/rao-inderjit-haryana-haryana-central-minister-rao-inderjit-gurugram-function-pataudi-rally-131432491.html

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